राहुल गाँधी ने सरकार पर आरोप लगाया की देश के 50 दोस्त कारोबारियों का 68607 करोड़ कर्जा माफ़ कर दिया जानिए क्या है सचाई ?
कोरोना वायरस के कारन पूरा देश में लोकडाउन चल रहा है अब तक देश भर मे कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले लगभग 40,000 को पार कर चूका है और इसी बिच विपक्ष सरकार को घेरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है !
इसी बिच राहुल गाँधी ने सरकार पर आरोप लगते हुए कहा की देश के 50 दोस्त कारोबारियों का 68,607 करोड़ कर्जा माफ़ कर दिया !
जवाब में सरकार के तरफ से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा की राहुल गाँधी को पी. चितंबरम जी से टूशन लेना चाहिए ! उनको ये सीखना चाहिए की राइट ऑफ करना और वेव ऑफ करना इन दोनों मे क्या अंतर है !
प्रकाश जावड़ेकर जी का कहना है की किसी का एक भी पैसा माफ़ नहीं किया गया है और राइट ऑफ कर देने का मतलब कर्जा माफ़ करना नहीं होता है !
आपको बता दे की विलफुल डिफॉल्टेर उन लोगो को कहते है जिनके पास बैंक का कर्जा लौटने के लिए तो पैसे है ! लेकिन वो उन पैसो को देना नहीं चाहते और जब और जब बैंको द्वारा दिया गया कर्ज वापस ना मिलने के आसार लगने लगते है ! तो बैंक उन पैसो को राइट ऑफ कर देते है इसको कर्ज माफ़ कर दिया जाना नहीं कहते है , ये बट्टे खाते मे डाल दिया जाता है अब ये पैसा लगभग डूबा हुआ मान लिया जाता है और ये सारी करवाई रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियम के अंतर्गत होता है ! RBI के वयवस्था के तहत पहले इस लोन को NPA
यानि नॉन परफार्मिंग एसेट्स माना जाता है ! इसके बाद भी अगर लोन की वसूली नहीं हो पति है तो फिर राइट ऑफ कर दिया जाता है यानि की इस कर्ज का उल्लेख बही खाते मे ना हो और बही खाता साफ़ सुथरा दिखे ! और उसी के हिसाब !
से टैक्स की देनदारी तये हो यानि जब कोई कर्ज NPA यानि नॉन परफार्मिंग एसेट्स हो जाता है तो उतनी ही अमाउंट को बैंक अलग से दिखता है की बैंक को इतने अमाउंट का नुकसान हो सकता है ! और राइट ऑफ करने का ये मतलब नहीं है की उस अमाउंट का वसूली नहीं होगी या बैंक उस पैसो को भूल जाये ऐसे भगोड़े कारोबारी जिन्हे ये कर्ज दिया गया उनकी क़ानूनी प्रक्रिया के तहत देश लाने का या उनकी सम्पति अटैच या बेचा जाता है तो क़ानूनी प्रक्रिया के तहत पैसा वसूल किया जाता है !
राइट ऑफ करने की प्रक्रिया सभी बैंको में आम प्रक्रिया है जो रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियम के तहत आता है !
जबकि वेव ऑफ करने का मतलब है की बैंक ने पूरी तरह कर्ज माफ़ कर दिया है ! आपके ऊपर जो भी बकाया है उसको पूरी तरह से ख़तम कर देता है और बाद मई वसूली के लिए बैंक आपके पीछे पीछे भागता नहीं है !
जवाब देने के लिए वित् मंत्री निर्मला सीतारमण आगे आये और उन्होंने ट्वीट किया और बताया सरकार ने मेहुल चौकसी, विजय माल्या जैसे भगोड़े पर किस तरह की करवाई की है निर्मला सितारन ने बताया की मेहुल चौकसी की 1936 .95 करोड़ की सम्पति को अटैच कर दिया है इसमें 67 .9 करोड़ रुपये की विदेशी सम्पति भी शामिल है इसके अलावा 597 .75 करोड़ की प्रॉपर्टी को सीज करते हुए मेहुल चौकसी के खिलाफ सरकार ने रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया है !
Mehul Choksi Case : Attachments of Rs 1936.95 Crore including foreign attachment of Rs 67.9 Crore. Seizure of Rs 597.75 Crore. Red Notice issued. Extradition Request sent to Antigua. Hearing for declaration of Mehul Choksi as Fugitive Offender is in progress.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) April 28, 2020
निर्मला सीतारमण के ट्वीट के मुताबिक विजय माल्या के 8040 करोड़ के सम्पति अटैच किया गया है और 1693 करोड़ का शेयर भी जप्त किया गया है विजय माल्या को भगोड़ा घोसित करते हुए उसकी प्रत्यर्पण की अर्जी भी लगयी गयी है !
Vijay Mallya Case : Total value at the time of attachment was Rs 8040 Crore and of seizure was Rs 1693 Crore. Value of shares at the time of seizure was Rs 1693 Crore. Declared fugitive offender. On extradition request by GoI,UK High Court, has also ruled for extradition.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) April 28, 2020